काश की मेरी आँखों में ये नूर न होता,
मुझे अपने आप पे इतना गरूर न होता..
मेरी ये हंसी किसी दिल को न तडपाती,
मुझे देख कर न किसी की आह निकल पाती..
मेरे हाथों की लकीरों में यूँ तेरा नाम न होता,
तो मेरी दुनिया का शायद कुछ और ही मुकाम होता..
अपनी ज़िन्दगी को अपने हाथों से यूँ न खोते,
काश की तुम मेरी ज़िन्दगी में न आये होते..
मुझे अपने आप पे इतना गरूर न होता..
मेरी ये हंसी किसी दिल को न तडपाती,
मुझे देख कर न किसी की आह निकल पाती..
मेरे दिल के हालात इनके ज़रिये तो ब्यान होते..
मेरे ख्वाबों की भी कभी कोई सहर तो आती,
मुझ पर यूँ उसकी नज़र ठहर तो न जाती..
मेरे हाथों की लकीरों में यूँ तेरा नाम न होता,
तो मेरी दुनिया का शायद कुछ और ही मुकाम होता..
अपनी ज़िन्दगी को अपने हाथों से यूँ न खोते,
काश की तुम मेरी ज़िन्दगी में न आये होते..
Excellent Manuj mere Bhai bahut aacha... mere pass oor koi shabd nehi hay eesko bolnay kay liye ...keep it on dude...
ReplyDeleteSudipto
bahut khoob ji ..
ReplyDeletedil ko chuu gyi yek baat sir ji.last phara to meri jindgi ki uupar hi likha hai aapne
ReplyDeletebehtareen panktiyaan.....sach me dil ko choone wali....
ReplyDeleteBahut Sunder likha hai Manav Ji
ReplyDeleteKi kash aap meri Zindgi mein na aaye hote.................
niceeeeeeeee
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