Wednesday, September 23, 2009

अकेला...



अकेला आया था,अकेला हूँ, अकेला ही चला जाऊँगा,
कोई नहीं लगता जिसका मैं साथ पा जाऊँगा,
पूरी ज़िन्दगी लोगों ने मुझे आंसू ही दिए,
फिर भी जाते-जाते मैं लोगों को हंसा जाऊँगा.....

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मानव मेहता