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Friday, April 26, 2013

ऐ मेरे नाहिद












बाद-ए-अरसे तो तू मुझको मिला है ऐ मेरे नाहिद   
फिर यूँ ना कर तू मुझसे अब ये बेरुखी की बातें 

कि मेरे हालात तुझे खोने की गुंजाईश नहीं रखते !!


‘मन’
* नाहिद – प्रियवर,महबूब,प्रेयसी