I have share best Romantic Hindi Poetry. Best Romantic Hindi Poetry is the one of the Best Destination of Hindi Shayari
लाजवाब!
Dhanywaad...
बहुत ही बढिया।
Shukriya janab...
wah bahut khub........
इल्तिजा..इब्तदा ..मन की कलम का नायब मोती..बहुत सुंदर मानव
हम्म
KYA KHUB HAI
क्या खूब है शेखर जी...;-)शुक्रिया जनाब।
मानव .........मन की बात कह दी .........पर बहुत देर कर दी .....:) हहह अच्छा लिखा है ....ताउम्र इंतज़ार किया जिसका दीदार गर हो जाए उसका कैसे उसका इंतेख़ाब करूँ देखूं उसे, के मन की बात करूँ ........पूनम
देर कहाँ हुई है पूनम जी,जब कह दिया तभी से मान लो... ;-))बहुत अच्छा लिखा आपने।
मेरे हालात तुझे खोने की ...क्या बात है!बहुत खूब!
शुक्रिया अल्पना जी।
बहुत ही सुन्दर....
शुक्रिया राजेन्द्र जी।
वाह ...बहुत खूब
धन्यवाद संगीता जी।
बहुत सुंदर !
शुक्रिया अनीता जी।
कितनी मुद्दत बाद मिले हो ... किन सोचों में गुम रहते हो ...ये शेर याद आ गया आपको पढ़ने के बाद ... कमाल का लिखा है ...
ज़र्रा नवाजी दिगंबर साहब।
बढ़िया लिखा है |आशा
आशीर्वाद आपका आशा जी।
गज़ब...
शुक्रिया पल्लवी जी।
वाह बहुत खुबसूरत!कि मेरे हालत तुझे खोने की गुंजाईश नहीं रखते...कि पाक मुहब्बत में हम कोई आजमाईश नहीं रखते...
वाह क्या बात है स्नेहा जी।बहुत खूब।
आपकी टिपणी के लिए आपका अग्रिम धन्यवाद मानव मेहता
लाजवाब!
ReplyDeleteDhanywaad...
Deleteबहुत ही बढिया।
ReplyDeleteShukriya janab...
Deletewah bahut khub........
ReplyDeleteDhanywaad...
Deleteइल्तिजा..इब्तदा ..मन की कलम का नायब मोती..बहुत सुंदर मानव
ReplyDeleteहम्म
DeleteKYA KHUB HAI
ReplyDeleteक्या खूब है शेखर जी...;-)
Deleteशुक्रिया जनाब।
मानव .........मन की बात कह दी .........पर बहुत देर कर दी .....:) हहह अच्छा लिखा है ....
ReplyDeleteताउम्र इंतज़ार किया जिसका
दीदार गर हो जाए उसका
कैसे उसका इंतेख़ाब करूँ
देखूं उसे, के मन की बात करूँ ........पूनम
देर कहाँ हुई है पूनम जी,
Deleteजब कह दिया तभी से मान लो... ;-))
बहुत अच्छा लिखा आपने।
मेरे हालात तुझे खोने की ...
ReplyDeleteक्या बात है!
बहुत खूब!
शुक्रिया अल्पना जी।
Deleteबहुत ही सुन्दर....
ReplyDeleteशुक्रिया राजेन्द्र जी।
Deleteवाह ...बहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद संगीता जी।
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteशुक्रिया अनीता जी।
Deleteकितनी मुद्दत बाद मिले हो ... किन सोचों में गुम रहते हो ...
ReplyDeleteये शेर याद आ गया आपको पढ़ने के बाद ... कमाल का लिखा है ...
ज़र्रा नवाजी दिगंबर साहब।
Deleteबढ़िया लिखा है |
ReplyDeleteआशा
आशीर्वाद आपका आशा जी।
Deleteगज़ब...
ReplyDeleteशुक्रिया पल्लवी जी।
Deleteवाह बहुत खुबसूरत!
ReplyDeleteकि मेरे हालत तुझे खोने की गुंजाईश नहीं रखते...
कि पाक मुहब्बत में हम कोई आजमाईश नहीं रखते...
वाह क्या बात है स्नेहा जी।
Deleteबहुत खूब।