रात तारों ने फांसी लगा ली...
चांदनी का कफ़न ओढे-
चाँद सोता रहा ।
दर्द चिपचिपाते रहे आपस में...
उमस भरी रात जख्म कुरेदती रही...
अँधेरा कचोटता रहा-
जेहन में पलती हुई नज़्म को...
क़त्ल हो गए कुछ लफ्ज़-
घुटती हुई साँसों में घुट कर...
कल शब् भर आसमाँ से
मातम बरसते देखा मैंने ।
मार्मिक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी।
DeleteDard se bhi Zyada...........Kuch..................
Deleteशुक्रिया मनु जी।
Deleteलफ्ज क़त्ल हो गए--
ReplyDeleteबढ़िया प्रयास-
शुभकामनायें आदरणीय-
शुक्रिया रविकर साहब।
Deleteraat taron ne faansi laga li
ReplyDeletechandni ka kafan odhe, chaand sota raha...
waah... kya baat hai..
शुक्रिया अपर्णा जी।
Deleteसादर।
बहुत खूब ... शब्दों की जादूगरी ...
ReplyDeleteभावपूर्ण ...
दिगम्बर जी, शुक्रिया।
DeleteVery well written.
ReplyDeletevinnie
thnks vinnie ji...
Deleteबहुत मर्मस्पर्शी रचना..
ReplyDeleteशुक्रिया कैलाश शर्मा जी।
Deletekhubsurat aur bahut khubsurat
ReplyDeleteरमाकांत जी, बहुत धन्यवाद।
Deletebahut achchhha likha
ReplyDeletedard ki inteha me matam ka barsna lazmi hai shayad..bilkul vaise jaise ik tees ka kalam se yun lafzon me jharna....painfull wrds manav but hving deep thoughts
ReplyDeletethnks suman...
Deleteदर्द से भरी .........बेहद खूबसूरत प्रस्तुती
ReplyDeleteशुक्रिया मंजूषा जी।
Deleteउफ़ ..दर्द ही दर्द
ReplyDeletedard hi dard to hai har jgh Anju ji....
Deleteaur isiliye ye dard ki hi aawaz hai....
kal shab bhar matam barasta raha ..........uffffffff kya baat hai ....
ReplyDeletemeri udaas raatoN ka tumhaari udaas raat se koi rishta zaroor hai ........poonam
see my status on Fb Manav........u will notice the resemblance
Deletehaan maine dekha abhi...
waakai koi na koi rishta jarur hai....
in udaas raton ke beech...
कल शब् भर
ReplyDeleteआसमां से मातम बरसता रहा ...
उफ्फ इसतरह भी लिखी जाती है नज्म
वाकई मार्मिक !
नमस्कार सुमन जी।
Deleteधन्यवाद आपको ये नज़्म पसंद आई।
बहुत शुक्रिया।
:)
वाह !!! बहुत उम्दा लाजबाब भावपूर्ण प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST: गुजारिश,
शुक्रिया धीरेन्द्र सिंह जी।
Deleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteधन्यवाद निहार रंजन।
Deleteबेहद खूबसूरत ........ लाजवाब !!!
ReplyDeleteशुक्रिया नीता जी।
Deleteअँधेरा कचोटता रहा-
ReplyDeleteजेहन में पलती हुई नज़्म को...
क़त्ल हो गए कुछ लफ्ज़-
घुटती हुई साँसों में घुट कर.\
...............देरी से आने के लिए क्षमा अरुण जी
बहुत ही सही ... उत्कृष्ट लेखन के लिए आभार !!!!
संजय जी,
Deleteपसंद करने के लिए धन्यवाद।
दर्द बोल उठा है जैसे कविता में.
ReplyDeleteबहुत खूब!
[आप चित्र पर हिंदी में कैसे लिख पाते हैं? मैंने प्रयास किया था सफल नहीं हुई.क्या आप बताएँगे?]
अल्पना जी,
Deleteबहुत शुक्रिया आपका।
( चित्र पर लिखना बहुत आसान है। आप एक बार में ही इसे सीख सकती हैं। इसके लिए
सबसे पहले आपके पास कंप्यूटर में ms word होना जरुरी है।
ms word में आप टाइप कीजिये। टाइप करते हुए ये ध्यान में रखें की आपका जो भी matter है वो इसी screen पर नज़र आये। यानि की starting point से लेकर end point आपको एक ही स्क्रीन पर दिखने चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो font size se उसे बड़ा छोटा कर सकते हैं।
अब ms word में एक आप्शन होता है insert picture का।
आप उसे क्लिक करेंगे तो आपके सामने एक बॉक्स आएगा जिसमे से आप अपने पसंद की कोई भी picture ले सकते हैं।जैसे ही आप अपनी पसंद की picture पर click करेंगे वो आपके text के पेज पर आ जायेगा। अब side में picture settings दिखेगी। उसमे picture को bihind text का option click कीजिये। तब आपका text picture के उप्पर आजायेगा। अब आप इस पिक्चर को text के मुताबिक adjust कर लीजिये
अब आप ये सुनिचित कर लें की आपकी ये picture और text पूरा एक ही screen में show हो रहा है की नहीं। अब आप अपने computer में print screen का button दबाइए। आपका ये पेज अब कॉपी हो चूका है।
इसके बाद अब आप Paint open कीजिये। यहाँ अब इसे paste कीजिये। यहाँ वो पूरा पेज पेस्ट हो जाएगा। अब इसे select कर के अपने हिसाब से crop कर लीजिये। फिर इसे jpeg format me save कर लीजिये।
बस इसी तरह आप चित्र पर लिख सकती हैं। और भी कई तरीके हैं चित्र पर टाइप करने के मगर ये तरीका सबसे आसन और जल्दी से होने वाला है।
उम्मीद है आप इसे अच्छे से कर पाएंगी।)
यह तो वाकई बहुत आसान तरकीब है.मैं इसे प्रयोग कर के देखूंगी.
Deleteअगर कामयाब हुई तो आप को ज़रूर खबर करूंगी.
बहुत-बहुत आभार.
कैसा रहा अल्पना जी,
Deleteकर के देखा।
हुआ आपसे।
bahut achchhha
ReplyDeleteशुक्रिया सुनील भाई।
Deleteसच दर्द की जब इन्तहां होती है तब सूनी आँखों में हर तरह अँधेरा ही अँधेरा छाया नज़र आता है ..
ReplyDeleteदर्द को बड़ी गहराई है आपनी रचना में ..
बहुत बढ़िया ..
सही कहा कविता जी,
Deleteशुक्रिया।
tacit expressions! अंतर्मन की कशिश की सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteशुक्रिया स्नेहा जी।
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