"तुमको चाहा है इक खुदा की तरह,
'बड़ी मासूम हो दुआ की तरह..
'तुझे देखूं तो लगता है,
'जिस्म जैसे नूरे-खुदा की तरह...
'मुझसे रूठ कर जो जाओगे,
'ज़िन्दगी होगी इक सज़ा की तरह...
'बस तेरा नाम ही मेरा हांसिल है,
'रच गया है हाथों पे हिना की तरह...
'हमने देखा है वक़्त ऐसा भी,
'दोस्त हो जाते हैं बेवफा की तरह...
'जिधर भी जाऊं हर तरफ है वीरानी,
'सुना-सुना है दिल आसमाँ की तरह...
by:- manav mehta