बड़ा प्यारा हमने तुमसे ये रिश्ता अजीब रखा है,
शुक्रिया तेरा जो मुझे अपने दिल के करीब रखा है..
ये मरासिम रहे बरकरार ये तमन्ना है मेरी,
तेरा नाम आज से हमने अपना नसीब रखा है..
इस पौधे का हमने अपने हाथों से बीज रखा है..
शायद इसने भी दुनियादारी से कुछ सीख रखा है..
न जाना मुझे छोड़ कर मझधार में ए दोस्त,
उड़ जाएगा वो परिंदा, जो मुट्ठी में भींच रखा है...