I have share best Romantic Hindi Poetry. Best Romantic Hindi Poetry is the one of the Best Destination of Hindi Shayari
Saturday, May 21, 2011
Tuesday, May 10, 2011
चन्दा मेरे सुन ज़रा
निहारता है
चन्दा
जब तेरी छत पर
सिहरन सी
दौड़ जाती है
तन बदन में
चान्दनी की ठंडक
जब
छू सी जाती है
तेरी आँखों को
मेरे लबों की
खुशबु
तेरी आँखों को
महका सी जाती है....
ये हवा की
झीनी चादर
जब उड़ा जाती है
तेरे बालों को
मेरे हाथों की
नर्मी
तेरे सर को
सहला सी जाती है........
बादल ढक लेता है
जब
चन्दा को
अपने आगोश में
मेरी साँसों की
गर्मी
तेरे लबों को
गरमाहट दे जाती है....
ओ चन्दा मेरे सुन ज़रा
तेरी हर धड़कन में
अब
मेरी ही आहट आती है......
तेरी हर धड़कन में
अब
मेरी ही आहट आती है...........!!
:-मानव मेहता
Monday, April 25, 2011
किस ओर की अब राह लूँ मैं.........
किस ओर की अब राह लूँ मैं,
किस ओर मंजिल की डगर है,
हूँ खड़ा मैं सोचता पथ पर,किस ओर मंजिल की डगर है,
किस ओर जाऊं हर ओर तिमिर है...
इन्हीं अंधेरों में डूब गयी हर चाह मेरी,किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी....
स्वप्न मेरे खो गये सब,
खो गयी सारी दिशायें,
मूक बन कर रह गयी अब,
मेरी सारी अभिलाषाएं....
गूंजती है उर में अब तो आह मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी........
फिर भी न जाने क्यूँ ह्रदय की,
डोर अब तक चल रही,
आँधियों के बीच में भी
किस तरह इक शम्मा जल रही,
जल चुकी है धूप में अब तो सांस मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी....
थक गया हूँ पर न जाने-
और कितना अभी चलना होगा,
इन पथरीले रास्तों पर,
और किता संभलना होगा,
गिरते-पड़ते निकल चली है जान मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी.......
Friday, April 15, 2011
आखिरी कलाम- बेबस ज़िन्दगी
ज़िन्दगी बेबस है इन ग़मगीन हालातों में,
उम्मीद का कोई सूरज नया उगा ले....
मेरी दुआएं कबूल हो ये मुमकीन नहीं लगता,
तू अपने लिए आशियाना कोई और नया बना ले...
ये चाहत के सपने, ये सपनों की बातें,
सपनों से बढ़ कर नहीं कोई अपना,
माना कि मुमकिन नहीं अपना मिलना,
मगर कोई ऐसा इक सपना तो सजा ले....
चला जाऊँगा दूर बहुत दूर इस जहाँ से,
तेरा दिल दुखाने न आऊंगा फिर से,
मगर जाते जाते ये चाहत है दिल की,
कि रूठे हुए को इक बार तो मना ले.....
है अलविदा दोस्तों, मुझे माफ़ करना,
अगर किसी को सताया हो मैंने,
पेश-ए-खिदमत है तुम्हारे आखिरी कलाम मेरा,
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
:-manav mehta
Saaransh-ek-ant.blogspot.com
Saturday, March 26, 2011
प्यार का आलम
चाँद के चेहरे से बदली जो हट गयी,
रात सारी फिर आँखों में कट गयी..
छूना चाहा जब तेरी उड़ती हुई खुशबू को,
सांसें मेरी तेरी साँसों से लिपट गयी..
तुमने छुआ तो रक्स कर उठा बदन मेरा,
मायूसी सारी उम्र की इक पल में छट गयी..
ए जाने वफ़ा, मेरी कायनात सिमट गयी...
मानव मेहता
Wednesday, February 23, 2011
Saturday, February 12, 2011
Thursday, December 16, 2010
Tuesday, December 14, 2010
Monday, November 29, 2010
एक दुआ दोस्त के नाम.....
तुझको इस ज़िन्दगी की हर चाहत नसीब हों,
हर कदम पर तेरे तुझे खुशियाँ नसीब हों....
चाँद तारे भी तुझे छूने की करे कोशिश,
तेरे क़दमों के नीचे, तुझे आसमान नसीब हों....
मुबारक हो तुझको, ये फूलों की रंगत,
गेसुओं को तेरे घटाएं नसीब हों.....
चेहरे पर चमके तेरे सूरज की किरनें,
हुस्न को बला की आदयें नसीब हों....
तेरा साया बन कर, तुझको हर ग़म से दूर रखूं,
मेरा साथ कुछ इस तरह से तेरे साथ नसीब हो....
और क्या दुआ मांगू, बस खुदा तुझे सलामत रखे,
मेरी इस उम्र की तुझको, हर सांस नसीब हो....
तुझको अपनी हर दुआ, हर आस नसीब हो,
मेरे प्यार की ना बुझने वाली, प्यास नसीब हो....
हर कदम पर तेरे तुझे खुशियाँ नसीब हों....
चाँद तारे भी तुझे छूने की करे कोशिश,
तेरे क़दमों के नीचे, तुझे आसमान नसीब हों....
मुबारक हो तुझको, ये फूलों की रंगत,
गेसुओं को तेरे घटाएं नसीब हों.....
चेहरे पर चमके तेरे सूरज की किरनें,
हुस्न को बला की आदयें नसीब हों....
तेरा साया बन कर, तुझको हर ग़म से दूर रखूं,
मेरा साथ कुछ इस तरह से तेरे साथ नसीब हो....
और क्या दुआ मांगू, बस खुदा तुझे सलामत रखे,
मेरी इस उम्र की तुझको, हर सांस नसीब हो....
तुझको अपनी हर दुआ, हर आस नसीब हो,
मेरे प्यार की ना बुझने वाली, प्यास नसीब हो....
Subscribe to:
Posts (Atom)