ज़िन्दगी बेबस है इन ग़मगीन हालातों में,
उम्मीद का कोई सूरज नया उगा ले....
मेरी दुआएं कबूल हो ये मुमकीन नहीं लगता,
तू अपने लिए आशियाना कोई और नया बना ले...
ये चाहत के सपने, ये सपनों की बातें,
सपनों से बढ़ कर नहीं कोई अपना,
माना कि मुमकिन नहीं अपना मिलना,
मगर कोई ऐसा इक सपना तो सजा ले....
चला जाऊँगा दूर बहुत दूर इस जहाँ से,
तेरा दिल दुखाने न आऊंगा फिर से,
मगर जाते जाते ये चाहत है दिल की,
कि रूठे हुए को इक बार तो मना ले.....
है अलविदा दोस्तों, मुझे माफ़ करना,
अगर किसी को सताया हो मैंने,
पेश-ए-खिदमत है तुम्हारे आखिरी कलाम मेरा,
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
है दुआ अब खुदा से कि वो मुझको उठा ले...
:-manav mehta
Saaransh-ek-ant.blogspot.com
"ये चाहत के सपने, ये सपनों की बातें,
ReplyDeleteसपनों से बढ़ कर नहीं कोई अपना.."
बेहतरीन शब्द ,ऑर
बुहुत सुंदर रचना ,मानव जी.....
जिंदगी ऐसी ही है..इसे हर हाल में जीना पड़ता है .....
ReplyDeleteदर्द लफ्जों में उभर आया है ....
रचना तो बहुत सुन्दर है मगर निराशा झलक रही है!
ReplyDeleteआपकी दीर्घायु की कामना करता हूँ!
इतनी मायूसी क्यों? ऐसी बात क्यों कह रहे हैं? रचना अच्छी है मगर ऐसा तो मत कहिये ना।
ReplyDeleteये चाहत के सपने, ये सपनों की बातें,
ReplyDeleteसपनों से बढ़ कर नहीं कोई अपना,
माना कि मुमकिन नहीं अपना मिलना,
मगर कोई ऐसा इक सपना तो सजा ले...
sapno ki bhi khaas ahmiyat hoti hai
achhi rachana, sahi me kabhi jindagi itani gamgin ho jati hai ki usase ubharne me kafi mushkilon ka samana kerna padta hai.yahi agle manzil ka sopan hai.
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ReplyDeleteतेरी दुनिया में दिल लगता नहीं वापस बुला ले
ReplyDeleteमैं सजदे में गिरा हूँ मुझको अय मालिक उठा ले ...
)):
दर्दभरी पंक्तियाँ ! मन को छू गयीं ! आभाए एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteशुक्रिया अंजलि जी........रचना पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार....
ReplyDeleteसुमन........ सही कहा, ज़िन्दगी को जीना ही पड़ता है, चाहे हम मरने की कितनी भी दुआ कर लें.....
ReplyDeleteडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी..... ये रचना तो ज़िन्दगी का सिर्फ एक पहलु ब्यान कर रही है..........आपकी दुआ का बहुत बहुत शुक्रिया.........
ReplyDeleteजी वंदना जी..........अगर ऐसे ना कहते तो क्या आप हमारे ब्लॉग पर दर्शन देते..........????
ReplyDeleteआपका शुक्रिया......अपने वचारों से यूँ ही अवगत करवाते रहिये............
रश्मि जी, आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरे ब्लॉग पर आने के लिए......अपना आशीर्वाद यूँ ही बनाये रखिये......
ReplyDeleteसत्यम शिवम् जी..........आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मेरी इस रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए....... आपका बहुत बहुत आभार............
ReplyDeleteमुकेश जी.....बिलकुल सही कहा....यही जीवन है.... धन्यवाद.....
ReplyDeleteबहुत खूब हरकीरत जी.......... आपका यहाँ पधारने का बहुत बहुत शुक्रिया..........आगे भी अपना आशीर्वाद देते रहिएगा.....
ReplyDeleteसाधना जी, बहुत बहुत शुक्रिया रचना पसंद करने के लिए............. आशा है आगे भी यूँ ही होंसला बढ़ते रहिएगा....
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया.
ReplyDeleteबहुत भारी कर गयी आपके ज़ज़्बात ,लेकिन दोस्त ये जीवन है इस जीवन का यही है दस्तूर ....
ReplyDeleteअगली बार कुछ आशा से परिपूर्ण पढने को मिलेगा ये उम्मीद है ...आभार !
शुक्रिया यशवंत जी.........
ReplyDeleteनिवेदिता जी..... आपका ब्लॉग पर आने का शुक्रिया.....
ReplyDeleteअगली बार कोशिश रहेगी आशावादी रचना लिखने की.....
मार्मिक प्रस्तुति ...अच्छी रचना
ReplyDeleteचला जाऊँगा दूर बहुत दूर इस जहाँ से,
ReplyDeleteतेरा दिल दुखाने न आऊंगा फिर से,
मगर जाते जाते ये चाहत है दिल की,
कि रूठे हुए को इक बार तो मना ले.....
यही हसरत है कि हमारे जाने से पहले कोई हमसे नाराज न हो ...वर्ना जीवन का मकसद अधुरा रह जायेगा .....आपका आभार
ये चाहत के सपने, ये सपनों की बातें,
ReplyDeleteसपनों से बढ़ कर नहीं कोई अपना....
बहुत ही भावुक रचना..... हार्दिक बधाई।
संगीता जी, आपका बहुत आभार रचना पसंद करने के लिए.........
ReplyDeleteकेवल जी, यही इच्छा होती है की इस दुनिया से जाने से पहले सब को खुश देख कर जायें........किसी का किसी भी प्रकार का कोई गिला न हो.....
ReplyDeleteशरद सिंह जी... आपका ब्लॉग पर आने और रचना को पसंद करने का शुक्रिया, आशा है आगे भी होंसला बढ़ते रहेंगे.........
ReplyDeleteएक से एक खूबसूरत नज्में व् ग़ज़लें...
ReplyDeleteकाफी पढ़ लीं हैः कुछ पढ़नी बाकी हैं..
हर एक का अंदाजेबयां ही कुछ और है !!
एक अच्छे ब्लॉग और अच्छे दोस्त से पहचान हुई..
शुक्रिया...
पूनम जी, बहुत बहुत शुक्रिया अपना कीमती वक़्त मेरी रचनाओं को देने के लिए...........मुझे ख़ुशी हुई की आपको ये पसंद आई....... :))
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