Saturday, February 12, 2011

तेरा एहसास















तू दूर होकर भी हर पल मेरे पास है
जाने क्यूँ आज फिर भी तेरा एहसास है
टूट चुके हैं जब सब तिलिस्म इस बन्धन के
तेरी तस्वीर फिर भी लगती क्यूँ खास है.....

27 comments:

  1. ला-जवाब" जबर्दस्त!!

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  2. truly brilliant..
    keep writing........all the best

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  3. बहुत सुन्दर .....कुछ रिश्ते सचमुच खास होते हैं .....

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  4. बहुत सुन्दर।



    मैं वृक्ष हूँ। वही वृक्ष, जो मार्ग की शोभा बढ़ाता है, पथिकों को गर्मी से राहत देता है तथा सभी प्राणियों के लिये प्राणवायु का संचार करता है। वर्तमान में हमारे समक्ष अस्तित्व का संकट उपस्थित है। हमारी अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक लुप्त होने के कगार पर हैं। दैनंदिन हमारी संख्या घटती जा रही है। हम मानवता के अभिन्न मित्र हैं। मात्र मानव ही नहीं अपितु समस्त पर्यावरण प्रत्यक्षतः अथवा परोक्षतः मुझसे सम्बद्ध है। चूंकि आप मानव हैं, इस धरा पर अवस्थित सबसे बुद्धिमान् प्राणी हैं, अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी रक्षा के लिये, हमारी प्रजातियों के संवर्द्धन, पुष्पन, पल्लवन एवं संरक्षण के लिये एक कदम बढ़ायें। वृक्षारोपण करें। प्रत्येक मांगलिक अवसर यथा जन्मदिन, विवाह, सन्तानप्राप्ति आदि पर एक वृक्ष अवश्य रोपें तथा उसकी देखभाल करें। एक-एक पग से मार्ग बनता है, एक-एक वृक्ष से वन, एक-एक बिन्दु से सागर, अतः आपका एक कदम हमारे संरक्षण के लिये अति महत्त्वपूर्ण है।

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  5. बहुत सुन्दर! ला-जवाब!!

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  6. हां कुछ खास है...

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  7. सुन्दर और भावपूर्ण कविता के लिए बधाई।

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  8. भई वाह क्या बात है.

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  9. वाह वाह क्या बात है ...बहुत सुन्दर रचना ..........

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  10. एक प्यार भरा अहसास ...भा गया आपका अंदाज

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  11. bandhan tute ya na tute......tasweer to khaas lagti hi rahegi..........

    magar haan, bandhan tootne ke baad tasweer jyada ahhi lagti hai.......

    achhi rachna par badhaai......

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  12. बहुत खूब ......आभार !

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  13. bahut khubsurat thode se shabdon me hasin yehsason ko byaan karti rachna

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  14. बहुत सुन्दर रचना ....
    शुभकामनायें !

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  15. बहुत सुन्दर प्यार भरा अहसास|

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  16. अहसास से लबरेज़..प्रस्तुति है आपकी..
    आभार..!

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  17. बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....

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आपकी टिपणी के लिए आपका अग्रिम धन्यवाद
मानव मेहता