Friday, March 06, 2020

मोहब्बत का टुकड़ा















देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
मैनें अपनी रूह को जला
दिल को रोशन कर दिया
लफ्ज़ दर लफ्ज़ 
चमकने लगे ज़हन में
मैनें एक एक करके
इश्क़ के सभी हर्फ़ पढ़ डाले
इश्क़ मेहरबान हुआ मुझ पर
दुआएं कबूल हुईं मेरी
हर्फे- मोहब्बत में
तेरा नाम लिखा पाया...!!

देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
तेरी मोहब्बत का इक टुकड़ा
यूँ आ गिरा दामन में मेरे...!!



~ मानव 'मन'

15 comments:

  1. शुक्रिया रूपचन्द्र जी...

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  2. बहुत खूब ...
    इश्क़ की दस्तक हो जाए तो जीवन में कुछ नहि बाक़ी ...
    गहरा अहसास है प्रेम ...
    लाजवाब रचना ...

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  3. प्रेम भाव मे परिपूर्ण रचना।
    वाह।
    नई रचना- सर्वोपरि?

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  4. मैनें अपनी रूह को जला
    इश्क़ के सभी हर्फ़ पढ़ डाले
    तेरा नाम लिखा पाया...!!


    बहुत अच्छे भाव समेटे हैं
    गुलाबी मोहक रचना

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    1. शुक्रिया 'ज़ोया' जी।

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  5. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 17 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  6. सुन्दर प्रस्तुति.

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  7. बहुत सुंदर सृजन।

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  8. https://ashokvichar.blogspot.com/2008/09/blog-post_17.html?showComment=1646930281083&m=1#c8399236467113056951

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  9. This comment has been removed by the author.

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मानव मेहता