"क्या क्या न सोचा था हमने,
की इस तरेह से ज़िन्दगी बिताएंगे,
पर मालूम न था हमें की
अगले ही मोड़ पर
अपनी ज़िन्दगी से ही धोखा खायेंगे....."
written by:- Dinky Mehta
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Saturday, October 10, 2009
Wednesday, September 30, 2009
तेरी ओर कौन सी डगर जाती है...
'तेरी तस्वीर देखते-देखते, मेरी तकदीर संवर जाती है...'
'कहने को तुम दूर हो मगर, पर 'दूर' कभी हुए नहीं हमसे,
'दिखते' हो तुम हर जगह, जहाँ कही ये 'नज़र' जाती है...'
'दिन भर तेरी यादों की, 'धुप' में जला करते हैं,
'शाम ढलते ही तेरी 'तन्हाई', दिल में उतर जाती है...'
'तुम भूल गए हो शायद, वो अपने 'वादे' दोस्ती के,
'मेरी 'खामियां' भी अब तुमको, 'गुनाह' नज़र आती है...'
'अगरचे' इस बार 'बिछडे', तो शायद ही मिल पायेंगे,
'इसी सोच पर अक्सर,मेरी 'धड़कन' ठहर जाती है...'
'कब 'मिलोगे हमसे ऐ 'दोस्त', उसी 'शक्ल' में वापिस,
'जिस 'सूरत' में तेरी 'दोस्ती' मुझे, 'जन्नत' सी नज़र आती है...'
'वही 'गली' है, वही 'मकान' है, वही 'शहर' है तेरा,
'मगर भूल गया हूँ तेरी ओर, कौन सी डगर जाती है..."
दर्द की शाम......
'मेरी 'किस्मत' बदल नहीं सकती.'
'वो जो कहते थे 'बेवफा' मुझको,
'उनकी 'आदत' बदल नहीं सकती.'
'जिनके हिस्से में 'डूबना' है लिखा,
'मैंने देखा है 'मोहब्बत' का चेहरा ऐसा,
'की फिर से 'तबियत' मचल नहीं सकती.'
'अब तो 'मुश्किल' है 'ठहरना' 'यारों,
'ये 'मौत' मेरी अब टल नहीं सकती.''मैंने 'चाहा' 'वो' जो मिल नहीं सकता,
'दिल की यह 'हसरत' निकल नहीं सकती."
मानव मेहता
मौत मांगता हूँ
"मौत मांगता हूँ अब, तो वो आती नहीं,
ज़िन्दगी से अब डर लगने लगा है मुझे,
क्या कहूँ कैसा हाल हो गया है अब मेरा,
हर कोई 'बेवफा' लगने लगा है मुझे..."
Monday, September 28, 2009
चले गए.......
"नज़रें मिलाने को कहा हमने उनसे,तो नज़रें झुका कर चले गए,'
'दिल लगाने को कहा हमने उनसे तो दिल तोड़ कर चले गए,'
'ऐसी भी क्या नज़र आये कमी मुझमे उनको,
'जो प्यार का इज़हार किया हमने उनसे तो मुंह मोड़ कर चले गए...."
Sunday, September 27, 2009
याद तुम्हारी है...
"दिन को चैन नहीं की हर वक्त 'याद' तुम्हारी है,'
'रात को भी आँखों में 'तस्वीर' सिर्फ तुम्हारी है,'
'कैसे पुकारूँ तुझको जो सुन ले तू दिल की 'सदा,'
'अब तो इस दिल में बसी हर इक ,'धड़कन' भी तुम्हारी है...."
गुफ्तगू......
"गैरों को बात करने का 'शौक' नहीं हमसे,
'अपने भी 'गुफ्तगू' करते नहीं है अब,
'क्या करे इस 'दिल' का 'चैन' कहीं पता नहीं,
'ज़िन्दगी भर यूँ ही 'तन्हा' रहेंगे हम......."
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