देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
मैनें अपनी रूह को जला
दिल को रोशन कर दिया
लफ्ज़ दर लफ्ज़
चमकने लगे ज़हन में
मैनें एक एक करके
इश्क़ के सभी हर्फ़ पढ़ डाले
इश्क़ मेहरबान हुआ मुझ पर
दुआएं कबूल हुईं मेरी
हर्फे- मोहब्बत में
तेरा नाम लिखा पाया...!!
देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
तेरी मोहब्बत का इक टुकड़ा
यूँ आ गिरा दामन में मेरे...!!
~ मानव 'मन'
~ मानव 'मन'
शुक्रिया रूपचन्द्र जी...
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteइश्क़ की दस्तक हो जाए तो जीवन में कुछ नहि बाक़ी ...
गहरा अहसास है प्रेम ...
लाजवाब रचना ...
प्रेम भाव मे परिपूर्ण रचना।
ReplyDeleteवाह।
नई रचना- सर्वोपरि?
मैनें अपनी रूह को जला
ReplyDeleteइश्क़ के सभी हर्फ़ पढ़ डाले
तेरा नाम लिखा पाया...!!
बहुत अच्छे भाव समेटे हैं
गुलाबी मोहक रचना
शुक्रिया 'ज़ोया' जी।
Deleteवाह
ReplyDeleteमोहक रचना ।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 17 नवंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteउम्दा ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर।
ReplyDeleteबहुत सुंदर सृजन।
ReplyDeletehttps://ashokvichar.blogspot.com/2008/09/blog-post_17.html?showComment=1646930281083&m=1#c8399236467113056951
ReplyDelete👌👌👌👌
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