अभी अभी
पीपल की झड़ी पत्तियों को
एक तरफ रख कर
जला कर बैठा ही था कि
उसके धुएं में भी
तुम्हारा ही चेहरा नज़र आया
कल भी कुछ ऐसा ही हुआ था
जब रोशनदान से
सूरज की रोशनी
मेरे कमरे में पहुँची थी
तो लगा था
कि तुम आए हो
तुम हर जगह दिखती हो मुझको
तुम नहीं हो
पर...
हर वक़्त तुम्हारा एहसास
मेरे साथ रहता है...!!
मानव मेहता 'मन'
ये एहसास ... कभी आहट भी बन जाते हैं ...
ReplyDeleteJi Sada ji....
DeleteDhanywaad...
एहसास ही तो साथ रहते हैं और चलते हैं
ReplyDeleteJi bilkul, rashmi ji...
DeleteShukriya...
bahut hi sundar rachna lagi yah ..shukriya isko sheyar karne ke liye
ReplyDeleteBahut bahut shukriya Ranjana Ji...
DeleteSadar....
bahut sundar ..Manav :)
ReplyDeleteShukriya janab...
Deleteएहसास ही तो इंसान के ज़िंदा होने का प्रमाण है। सुंदर रचना
ReplyDeleteJi Pallavi ji...
DeleteShukriya...
सही कहा मानव.... ये एहसास ही तो जीने का सबब है वर्ना साँस लेना भर जीना नही होता ... जिस्म साँस लेता तो है ..पर बिना एहसास के उन साँसों में वो रवानी कहाँ.....
ReplyDeleteतू नहीं पास मेरे .. दूर ही सही लेकिन
तेरा एहसास ही काफी है मुझे जीने के लिए ।।
सुमन
Shukriya...
Deleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार(25-5-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
ReplyDeleteसूचनार्थ!
Shukriya Vandana ji...
Deleteआपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए शनिवार 25/05/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
Thnks Yashoda ji...
Deleteकहीं अन्दर तक छू गया आपका अहसास.
ReplyDeleteDhanywaad Brijesh ji...
Deletewaah bahut khub
ReplyDeleteThnks Anju ji...
Deleteबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति . .आभार . कुपोषण और आमिर खान -बाँट रहे अधूरा ज्ञान साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
ReplyDeleteShukriya Shalini kaushik ji...
DeleteAabhar...
एहसासों से भी कभी कोई खास बन जाता है !
ReplyDeleteJi bilkul Pratibha ji...
DeleteShukriya...
very nice ......ahsas aur mn ka gahra rishta hai ...
ReplyDeleteHanji Dr. Nisha... Sahi kha...
DeleteShukriya...
अहसास ही है जो हमें सही रास्ता दिखता है ,अपनों से जोड़े रखता है
ReplyDeleteअनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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Ji jarur...
DeleteShukriya Kalipad ji...
बहुत ही सुन्दर एहसास,बेहतरीन रचना की प्रस्तुति.
ReplyDeleteShukriya Rajendra Ji...
Deleteखूबसूरत एहसासों को बड़ी ही खूबसूरती से व्यक्त किया है आपने....
ReplyDeleteShukriya Prashant...
ReplyDeleteप्यार में ऐसा ही होता है
ReplyDeleteJi janab...
DeleteAbhaar...
Dhanywaad...
ReplyDeleteएहसास ही हैं...जो कभी साथ नहीं छोड़ते...
ReplyDelete~सादर!!!
Ji Anita ji...
DeleteSadar...
आपकी यह रचना कल रविवार (26 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteShukriya...
Deleteप्यार में ऐसा ही होता है....
ReplyDeleteHanji...
Deleteबहुत प्यारा
ReplyDeleteShukriya janab...
DeleteGood...
ReplyDeleteThnks...
Deletenice sirji
ReplyDeleteThnks anklet ji... :)
ReplyDeleteइस शानदार रचना पर बधाई ....जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
ReplyDeleteआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ
!
Der asye, durrust aaye....
ReplyDeleteShukriya Sanjay ji....
आपने लिखा....हमने पढ़ा
ReplyDeleteऔर लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 02/06/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
shukriya yashwant ji...
DeleteBahut Khub..
ReplyDeletethnks Mantu bhai...
Deleteहमें भी अहसास होता है,आपका अहसास,भावनाओं में डूबा सा,कुछ ठिथुराता सा कुछ गर्माता सा.बेहद सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteshukriya Dr. sahab... :-)
Deletebahut sundar rachna ...
ReplyDeletethnks Suman ji... :)
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