शौक...
बस शौक ही था तुम्हें
हवाओं पे पैर रख कर
आसमान पे चलने का...
तेज़ तेज़ क़दमों से
चल कर
जाने किस मंजिल
पर पहुँचना था तुम्हें...
बस शौक ही था तुम्हें
हवाओं पे पैर रख कर
आसमान पे चलने का...
तेज़ तेज़ क़दमों से
चल कर
जाने किस मंजिल
पर पहुँचना था तुम्हें...
तुम ऐसे उड़े
कि सब रिश्ते हवा हो गए...
गुजारी थी उम्र जिनके सहारे
और सहारा बनना था जिनका
इस उम्र में...
कि सब रिश्ते हवा हो गए...
गुजारी थी उम्र जिनके सहारे
और सहारा बनना था जिनका
इस उम्र में...
अभी तुम्हारी उम्र ही क्या थी
बस ये शौक
हवा से तेज़ दौड़ने का
तुम्हें जुदा कर गया खुद से...
ले गया बहुत दूर
तुम्हें तुम्हारे अपनों से.....!!
मानव मेहता 'मन'
बस ये शौक
हवा से तेज़ दौड़ने का
तुम्हें जुदा कर गया खुद से...
ले गया बहुत दूर
तुम्हें तुम्हारे अपनों से.....!!
मानव मेहता 'मन'
(दोस्त के cousin के शरीर को अभी अभी दाग दे कर आया... तेज़ बाइक और सामने से ट्रक... उम्र 17 साल)
संवेदनशील ... प्रभू उनकी आत्मा को शांति दे ...
ReplyDeleteमार्मिक
ReplyDeleteमार्मिक
ReplyDeleteमार्मिक ! ऐसे हादसे जीवन भर रुलाते हैं
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