ख़ामोशी.............
लम्बी ख़ामोशी................
चलो अब इसका मज़ा भी चख लें..............
तुझसे होते हुए कई शब्दों को सुना मैंने ,
कुछ शहद की तरह मीठे थे
चलो अब इसका मज़ा भी चख लें..............
तुझसे होते हुए कई शब्दों को सुना मैंने ,
कुछ शहद की तरह मीठे थे
और
कुछ नीम की तरह कडवे............
कुछ में तेरे प्यार की खुशबू महकती थी
कुछ में तेरे प्यार की खुशबू महकती थी
तो कुछ यूँ लगता था
जैसे कोई अजनबी ने राह चलते हुए पुकारा हो ..........
कुछ को समझ पाया
कुछ को समझ पाया
और कुछ उड़ते गए यूँ ही हवा में.........
शायद यही गलती हुई मुझसे...........
शायद उनको भी समझना जरुरी था...........
पर...............
अब जो हालात बन चुके हैं
शायद यही गलती हुई मुझसे...........
शायद उनको भी समझना जरुरी था...........
पर...............
अब जो हालात बन चुके हैं
दरम्यान अपने
शायद उन्ही शब्दों का नतीजा हैं..............
अब केवल ख़ामोशी सुनती है दोनों तरफ.........
अब शब्द गुफ्तगू करते नहीं आपस में.............
अब केवल ख़ामोशी सुनती है दोनों तरफ.........
अब शब्द गुफ्तगू करते नहीं आपस में.............
:-Manav Mehta
kabhi kabhi khamoshi bahut kuchh kah jati hai ..... i think pyaar me yun khamosh ho jana shayad is baat ko darshata hai ki pyaar jubaan ka mohtaj nahi....... its feeling(sound) that two hearts listen even they are apart from each other...
ReplyDeleteबेहद गहन
ReplyDeleteखामोशी की आवाज़ खामोशी ही सुनती है।
shukriya vandana ji...
ReplyDeleteपर ये खामोशी बहुत तकलीफ देती है....भयावान..ओर डरावनी बन जाती है कुछ ऐसी ही खामोशियाँ
ReplyDeletechalo khamoshi ka maza chakh len ....
ReplyDeletekoi dhun bana len, phir gungunayen
खामोशी ही खामोशी को सुन पाती है ...गहन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुंदर ....गहन अभिव्यक्ति लिए अर्थपूर्ण पंक्तियाँ . ....
ReplyDeleteरिश्तों मे ये शब्द ही आढे आ जाते हैं। सुने तो भी न सुने तो भी। अच्छे भाव। शुभकामनायें।
ReplyDeletekhamoshi kitni apni si lagti hai...
ReplyDeleteअब केवल ख़ामोशी सुनती है दोनों तरफ...
ReplyDeleteअब शब्द गुफ्तगू करते नहीं आपस में....!!
मौन की अपनी अलग ही भाषा होती है...