Showing posts with label जीवन संगिनी. Show all posts
Showing posts with label जीवन संगिनी. Show all posts

Friday, September 04, 2009

नई दोस्त

क्या मेरी 'नयी दोस्त' से मिलोगे?
एक ऐसी दोस्त; जो मेरे, चोबिसों घंटे साथ रहती है...
हर पल, हर जगह,
मेरे साथ चलती है..
जहाँ कहीं भी मैं 'चलता' हूँ,
जहाँ कहीं भी मैं 'रुकता' हूँ-
एक छोटे से 'लम्हे' के लिए भी-
मुझसे 'जुदा' नहीं होती..
'जीवन संगिनी' की तरह मेरे साथ,
कदम से कदम मिला कर चलती है,
उसका नाम है--
"घुटन"
 
यह घुटन है रूप;  'अकेलेपन' का....
यह घुटन है रूप;  'तन्हाई' का....
यह घुटन है रूप;  उस 'याद' का-
जो तुम मुझे दे कर चले गए हो....
 
'सबा' ;  तुम तो चले गए हो 'अकेले',
मगर मुझे छोड़ गए हो,
 इस नए साथी,
 इस  नए  'हमसफ़र'  के साथ.....
 
 'घुटन',  'घुटन',  'घुटन'........
और सिर्फ  'घुटन'-----
एक अजीब सा आलम है-- 
इस 'घुटन' का....
तलाश करता हूँ -
इस 'आलम' में खुद को...
खोजता हूँ अपने वजूद को...
ढूंढ़ता  हूँ उन पलों को-
जो 'पल' कभी हमने साथ ;
इक साथ गुजारे थे...
वो पल जो गवाह हैं,
हमारे 'प्यार' के...
 
मगर इस आलम में,
मुझे मिलता है --
सिर्फ... 'अकेलापन'....
उन पलों की बस याद ही,
मेरे पास रह गयी है--
और साथ रह गयी है---
मेरी यह -- " नयी दोस्त...................
...................."