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Friday, March 06, 2020

मोहब्बत का टुकड़ा















देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
मैनें अपनी रूह को जला
दिल को रोशन कर दिया
लफ्ज़ दर लफ्ज़ 
चमकने लगे ज़हन में
मैनें एक एक करके
इश्क़ के सभी हर्फ़ पढ़ डाले
इश्क़ मेहरबान हुआ मुझ पर
दुआएं कबूल हुईं मेरी
हर्फे- मोहब्बत में
तेरा नाम लिखा पाया...!!

देर रात जब मोहब्बत ने
दस्तक दी चौखट पर
तेरी मोहब्बत का इक टुकड़ा
यूँ आ गिरा दामन में मेरे...!!



~ मानव 'मन'