कभी हसीं शाम सी कोमल लगती
है जिंदगी....
कभी मासूम सुलझी सी दिखती
है जिंदगी,
कभी उलझनों के जाले बुनती
है जिंदगी......
कभी लगता है कि ये अपनी ही
हो जैसे,
कभी गैरों सी अजनबी लगती है
जिंदगी......
कभी झरनों सा तूफान लगती है जिंदगी,
कभी नदी सी खामोश लगती है
जिंदगी.......!!
मानव ‘मन’