Sunday, March 10, 2013

तेरा एहसास















डूब  कर  तेरे  एहसास  के  समंदर  में 

मुझे तेरे प्यार का एक मोती मिल गया 

सेहरा-ए-बंजर  थी  ये  हस्ती  मेरी 


मिले तुम जीने का एक सबब मिल गया..!! 




मानव मेहता 'मन'

15 comments:

  1. .बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति."महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें" आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया शालिनी जी ..आपको भी शुभकामनाएं ...

      Delete
  2. भावना प्रबल है मानव जीवन में .........बंजर ज़मीन हो या उदास जीवन ......जरा सा स्नेह रुपी जल मिल जाये तो
    हरित क्रांति आ सकती है ....... सुंदर भावात्मक सृजन

    ReplyDelete
    Replies
    1. bilkul sahi kha aapne Poonam ji...
      is trh ke 'Jal' ki to... ham sabko aas rehti hai... :))

      Delete
  3. Replies
    1. शुक्रिया रश्मि जी :)

      Delete
  4. एहसास बना रहे......जीने का सबब कायम रहे ।
    सुंदर अभिव्यक्ति ।

    ReplyDelete
  5. क्या बात है,बेहतरीन प्रस्तुति.

    ReplyDelete
  6. Replies
    1. बस यही बात है हीर जी .. एहसास और लफ्ज़ का ताना बाना

      Delete
  7. बहुत खूब ... जीने का सबब मिल जाए तो मंजिल आसान हो जाती है ...
    लाजवाब ...

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया दिगम्बर जी ...

      Delete
  8. खो जाने में ही पाने का सुख है ..।

    ReplyDelete
  9. आपने मेरे ब्लॉग पर आकार एक एहसान किया
    वरना कुछ बेहतरीन एहसासों से महरूम रह जाती

    ReplyDelete

आपकी टिपणी के लिए आपका अग्रिम धन्यवाद
मानव मेहता