Monday, April 25, 2011

किस ओर की अब राह लूँ मैं.........

किस ओर की अब राह लूँ मैं,
किस ओर मंजिल की डगर है,
हूँ खड़ा मैं सोचता पथ पर,
किस ओर जाऊं हर ओर तिमिर है...
इन्हीं अंधेरों में डूब गयी हर चाह मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी....


स्वप्न मेरे खो गये सब,
खो गयी सारी दिशायें,
मूक बन कर रह गयी अब,
मेरी सारी अभिलाषाएं....
गूंजती है उर में अब तो आह मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी........




फिर भी न जाने क्यूँ ह्रदय की,
डोर अब तक चल रही,
आँधियों के बीच में भी
किस तरह इक शम्मा जल रही,
जल चुकी है धूप में अब तो सांस मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी....


थक गया हूँ पर न जाने-
और कितना अभी चलना होगा,
इन पथरीले रास्तों पर,
और किता संभलना होगा,
गिरते-पड़ते निकल चली है जान मेरी,
किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी.......

18 comments:

  1. बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति……कभी कभी इस उहापोह मे फ़ंस जाता है इंसान्।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर मानव .....बस बढ़ते चलो कहीं न कहीं किसी पड़ाव पर मंजिल मिल जाये शायद ....

    ReplyDelete
  3. थक गया हूँ पर न जाने-
    और कितना अभी चलना होगा,
    इन पथरीले रास्तों पर,
    और किता संभलना होगा,
    गिरते-पड़ते निकल चली है जान मेरी,
    किस ओर ले जाती है अब ये राह मेरी.......manav ji..bahut acchhi kabita likhi hai aapnne saare sabad kuchh na kuchh bolte hai...raah khud b khud mil jaegi bas chalte rahie...

    ReplyDelete
  4. वाह!! अति उत्तम///

    ReplyDelete
  5. अंधेरे के गर्भ से ही उजाले का जन्म होता है...

    ReplyDelete
  6. सही कहा वंदना जी...........
    शुक्रिया आपका............!!!

    ReplyDelete
  7. सुमन यही उम्मीद है........
    देखते हैं कब मिलती है मंजिल...........

    ReplyDelete
  8. आरती जी, बहुत शुक्रिया आपका इसे पसंद करने के लिए.........:)
    चल तो रहे हैं पर मंजिल वाली राह न जाने कब मिलेगी........!!!!

    ReplyDelete
  9. समीर जी...
    बहुत शुक्रिया आपका............!!!!

    ReplyDelete
  10. त्रिपुरारी जी, बिलकुल सही कहा आपने...........:)))

    ReplyDelete
  11. अंतिम पैरा प्रभावशाली लगा.
    ------------------------------------------
    आपकी एक पोस्ट की हलचल आज यहाँ भी है

    ReplyDelete
  12. adbhut shabd sanyojan.....keep it up

    ReplyDelete
  13. सुन्दर और सकारात्मक सोच ..अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  14. बहुत-बहुत आभार लिंक --

    ReplyDelete
  15. bahut sunder bhav liye sunder rachanaa.badhaai aapko.




    please visit my blog.thanks.

    ReplyDelete
  16. chalte jao....chalne se hi koi raah niklegi....baith jane se to kuchh hasil nahi hoga. sunder abhivyakti.

    ReplyDelete
  17. Manav, aapki her rachana khubsurat hai aur dil chune wali hai.

    ReplyDelete
  18. Most powerful&cost effective SEO service in world get up to 100K backlinks now!
    Get amazing online web traffic using amazing xrumer service today. We are able post your custom message up to 100K forums around the web, get thousands of backlinks and large web traffic in very short time. Most affordable and most powerful service for web traffic and backlinks in the world!!!!
    Your post will be published up to 100000 forums worldwide your website will get insatnt traffic and massive increase in seo rankings just after few days or weeks. Order now:
    xrumer

    ReplyDelete

आपकी टिपणी के लिए आपका अग्रिम धन्यवाद
मानव मेहता