Tuesday, December 14, 2010




मेरा कहीं कुछ ग़ुम है शायद,
तुम्हे मिले तो मुझे पता देना,
अब की बार रखूँगा उसे सहज कर,
हाथ आये तो फिर नहीं जाने देना.....

3 comments:

  1. वो कहीं बीता लम्हा तो नहीं .....
    बहुत सुन्दर..........

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  2. शुभकामना है कि आपका ये प्रयास सफलता के नित नये कीर्तिमान स्थापित करे । धन्यवाद...
    आपका ब्लॉग अच्छा है |

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  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,,
    सहज को सहेज कर ले,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

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आपकी टिपणी के लिए आपका अग्रिम धन्यवाद
मानव मेहता