Saturday, September 26, 2009

आजकल.......



"बात करने में वो, 'इतराते' हैं आजकल,'
'नज़र' मिलाने से, 'घबराते' हैं आजकल,'
'न जाने अब क्या हो गया है उनको,'
'हर 'सच' से वो, 'कतराते' हैं आजकल......."


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मानव मेहता